/ 2012, Newsletter, Newsletter in Hindi- Parisamwad / By baldsin याददाश्त के जाल से मुक्त कर्म ही है जो हर पल क्रांतिकारी है
वाशिंगटन डी.सी. द्वितीय सार्वजनिक वार्ता || Washington D.C. 2nd Public Talk 1992, Newsletter, Newsletter in Hindi- Parisamwad / By baldsin